इंसान ने किया इस ग्रेट साइंस का इस्तेमाल, जानवरों को भी मिली नई जिंदगी
रोस्थेटिक प्राचीन ग्रीक भाषा का शब्द है। मेडिकल साइंस के मुताबिक, यह आर्टिफिशियल डिवाइस होता है। जन्मजात, बीमारी और हादसे में अंग खो देने के बाद यह आर्टिफिशियल डिवाइस उस अंग की जगह काम करता है। यह प्राचीन विज्ञान की देन है। इसने दुनियाभर के करोड़ों लोगों को नया जीवन दिया है।
मानव जगत में हमने इसका कई बार प्रयोग किया है, लेकिन जंतु जगत में भी कई जानवर इस विज्ञान का लाभ उठा सके हैं। आइए, जानते हैं ऐसे ही कुछ उदाहरणों के बारे में...
चलने लगा जन्म से अक्षम डॉगी
होपा चार साल का एक मिक्सड ब्रीड डॉगी है। उसके जन्म से ही दो पैर नहीं थे। 28 फरवरी, 2010 को इजरायल के तेल अवीव में प्रोस्थेटिक डिवाइस की मदद से वह पहली बार चल पाया। यह डिवाइस होपा के लिए खास तौर पर एनिमल लविंग आर्ट के छात्रों ने बनाया था।
इंसान ने किया इस ग्रेट साइंस का इस्तेमाल, जानवरों को भी मिली नई जिंदगी
रोस्थेटिक प्राचीन ग्रीक भाषा का शब्द है। मेडिकल साइंस के मुताबिक, यह आर्टिफिशियल डिवाइस होता है। जन्मजात, बीमारी और हादसे में अंग खो देने के बाद यह आर्टिफिशियल डिवाइस उस अंग की जगह काम करता है। यह प्राचीन विज्ञान की देन है। इसने दुनियाभर के करोड़ों लोगों को नया जीवन दिया है।
मानव जगत में हमने इसका कई बार प्रयोग किया है, लेकिन जंतु जगत में भी कई जानवर इस विज्ञान का लाभ उठा सके हैं। आइए, जानते हैं ऐसे ही कुछ उदाहरणों के बारे में...
चलने लगा जन्म से अक्षम डॉगी
होपा चार साल का एक मिक्सड ब्रीड डॉगी है। उसके जन्म से ही दो पैर नहीं थे। 28 फरवरी, 2010 को इजरायल के तेल अवीव में प्रोस्थेटिक डिवाइस की मदद से वह पहली बार चल पाया। यह डिवाइस होपा के लिए खास तौर पर एनिमल लविंग आर्ट के छात्रों ने बनाया था।